मोदी ने किया एक्सपो का उद्घाटन; यहां पहली बार तिरंगे के निशान के साथ दिखेगा राफेल, यूएस एयक्राफ्ट एफ-35 भी नजर आएगा


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को 11वें डिफेंस एक्सपो का उद्घाटन किया। 5 से 9 फरवरी तक चलने वाले इस मेले में 70 देशों की रक्षा उपकरण बनाने वालीं 172 और भारत की 857 कंपनियां भाग ले रही हैं। एशिया की इस सबसे बड़ी रक्षा प्रदर्शनी में 40 देशों के रक्षामंत्री शामिल हैं। एक्सपो में दसौ एविएशन पहली बार तिरंगे के निशान वाले राफेल लड़ाकू विमान को पेश करेगा। अमेरिका की कंपनी लॉकहीड मार्टिन भी एफ-35 लाइटनिंग सेकंड को पहली बार दुनिया के सामने प्रदर्शित करेगी। अमेरिका यह लड़ाकू विमान भारत को बेचना चाहता है।


डिफेंस एक्सपो पहले दिल्ली में होता था। मोदी सरकार में सभी डिफेंस एक्सपो रक्षामंत्रियों के गृह राज्य में हुए। 2016 में जब मनोहर पर्रिकर रक्षा मंत्री थे, तब यह गोवा में हुआ था। पर्रिकर गोवा के मुख्यमंत्री भी रह चुके थे। 2018 में डिफेंस एक्सपो तमिलनाडु में हुआ था, तब रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण थीं। सीतारमण तमिलनाडु से हैं। इस साल होने वाला डिफेंस एक्सपो लखनऊ में हो रहा है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ से ही सांसद हैं। वे यूपी के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं।



वृंदावन मैदान में लगा हथियारों का मेला
आवास विकास विभाग के वृंदावन मैदान में एशिया का सबसे बड़ा हथियारों का मेला लगा है। थल सेना के हथियारों में पिनाक मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर और धनुष तोप के अलावा इंटीग्रेटेड मल्टीफंक्शन साइट, स्मॉल आर्म्स एडवांस्ड होलोग्राफिक साइट, आई सेफ लेजर, नाइट विजन डिवाइसेज, बॉर्डर सर्विलांस सिस्टम, लेजर ऑर्डिनेंस डिस्पोजल सिस्टम, लेजर डैजलर्स, ऑप्टिकल टारगेट लोकेटर और एक्सप्लोसिव डिटेक्टर को दिखाया जाएगा।


इस दौरान फाइटर जेट्स - सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर फाइटर प्लेन, चिनूक और चीता हेलीकॉप्टर भी लखनऊ एयरपोर्ट और बक्शी का तालाब एयरपोर्ट से उड़ान भरेंगे। एक्सपो 5 से 7 फरवरी तक आमंत्रित लोगों के लिए खुला रहेगा, जबकि अंतिम 2 दिन 8 व 9 फरवरी को इसे आम जनता के लिए खोला जाएगा।


सेमिनार में शामिल होंगे 5 हजार छात्र


5 से 9 फरवरी तक आयोजित होने वाले इस डिफेंस एक्सपो में 19 तकनीकी और व्यावसायिक सेमिनार आयोजित करने की व्यवस्था की गई है। भारतीय उद्योग परिसंघ, पीएचडी चैंबर्स ऑफ कॉमर्स और एसोसिएटेड चैंबर ऑफ कॉमर्स ऑफ इंडिया शामिल हैं। इन सेमिनारों के लिए विषय काफी हद तक भविष्यवादी होंगे और इसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता, रोबोटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, ड्रोन, वायर्ड योद्धा आदि पर चर्चा शामिल होगी। लगभग 5,000 छात्रों को शामिल करने की व्यवस्था की गई है।